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नीति समाधान

ऊष्मा डिज़ाईन के दिशानिर्देश

प्रतिबद्धता

सारांश

पूंजी परियोजनाओं में परियोजना के विकास की पूरी प्रक्रिया में डिज़ाईन के दिशानिर्देश लागू किए जा सकते हैं ताकि मौजूदा कोड्स और स्टैंडर्ड्स के साथ भविष्य के जलवायु जोखिमों के अनुमानों को शामिल करने में मदद मिले। ऊष्मा डिज़ाईन के दिशानिर्देश संरचनाओं को अपना जीवनकाल पूरा होने तक अनुमानित गर्मी को सहने में मदद करेंगे।

क्रियान्वयन

सरकारी विभागों या एजेंसियों के साथ तालमेल में हीट डिज़ाईन के दिशानिर्देशों का विकास करें ताकि इन दिशानिर्देशों को योजना की प्रक्रियाओं में शामिल होकर अतिरिक्त लक्ष्यों में सहयोग सुनिश्चित हो सके। डिज़ाईन के दिशानिर्देशों में मुख्य परियोजना के आकार और गंभीरता के स्तर के आधार पर विशेष कार्यों की पहचान होनी चाहिए, जो आपातकाल के दौरान महत्व एवं प्रदान की गई सेवाओं पर आधारित हो सकते हैं।

उपयोग के विचार

सार्वजनिक स्थान और असुरक्षित आबादी वाले स्थान जैसे की स्कूल और वरिष्ठ केंद्र आयोजनों के लिए प्रमुख स्थान होते है। कार्यक्रम प्रबंधकों को असुरक्षित आबादी के लिए ऑनलाइन संचार की बाधाओं पर विचार करना चाहिए और अत्यधिक दृश्यमान सार्वजनिक स्थानों पर जानकारी साझा करने पर बल देना चाहिए।

अवलोकन

  • जलवायु:

    गर्म/नम, गर्म/सूखा, ठंडा, संयमित
  • नीति लीवर:

    प्रतिबद्धतासरकारें प्राथमिकीकरण और निवेश के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर सकती हैं।
  • ट्रिगर बिंदु:

    कार्रवाई पर कोई पछतावा नहीं (कम लागत/कम प्रयास लेकिन पर्याप्त लाभ)अपेक्षाकृत कम लागत और कम प्रयास में (अपेक्षित निर्भरताओं के मामले में)किए गए कार्य, जिनके पर्याप्त पर्यावरणीय और/या सामाजिक लाभ हैं।
    शहरी योजना की प्रक्रियाएंजलवायु कार्य योजना का विकास, शून्य-ऊर्जा का मार्ग, मास्टर प्लान, ट्रांज़िट योजना, ऊर्जा मानचित्रण आदि जैसे शहरी अभियान शामिल हैं।
  • हस्तक्षेप के प्रकार:

    योजना/नीति
  • सेक्टर:

    आर्थिक विकास, पार्क, भवन, यातायात, लोक निर्माण

केस अध्ययन

प्रभाव

  • लक्षित लाभार्थी:

    निवासी, संपत्ति के मालिक
  • प्रभाव का चरण:

    जोखिम में कमी और शमन
  • मेट्रिक्स:

    परिसंपत्ति के जीवनकाल में लागत में अंतर, सतह के तापमान में कमी

क्रियान्वयन

  • हस्तक्षेप का स्तर:

    क्षेत्र, ज़िला, राज्य/प्रांत, शहर
  • प्राधिकरण व प्रशासन:

    नगर सरकार, राज्य/प्रांतीय सरकार, राष्ट्रीय सरकार
  • कार्यान्वयन की समयरेखा:

    अल्पकालिक (1-2 वर्ष)
  • कार्यान्वयन के हितधारक:

    निजी डेवलपर, राज्य/प्रांतीय सरकार, राष्ट्रीय सरकार, शहर की सरकार
  • धन के स्रोत:

    निजी निवेश, सार्वजनिक निवेश
  • कार्य करने की क्षमता:

    उच्च, मध्यम

लाभ

  • लागत-लाभ:

    कम
  • सबका भला:

    कम
  • जीएचजी में कमी:

    मध्यम
  • सह-लाभ (जलवायु/पर्यावरण):

    ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करें, जंगल में आग के जोखिम को कम करें, बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करें, सूखे के जोखिम को कम करें, स्टॉर्मवॉटर प्रबंधन में सुधार करें, हवा एवं पानी के प्रदूषण को कम करें
  • सह-लाभ (सामाजिक/आर्थिक):

    मानव स्वास्थ्य में सुधार लाएं, यूटिलिटी सेवाओं में बचत करें, संपत्ति के मूल्यों को बढ़ाएं, सार्वजनिक क्षेत्र में सुधार लाएं